Thursday, October 21, 2010

छोटी-छोटी बाते बडे काम की

21--निम्बू का अचार अगर खराब होने लगे तो अचार को किसी बर्तन मे निकाल कर सिरका डाल कर पका लीजिये
अचार फिर से नया हो जायेगा।


22--निम्बू के अचार में नमक के दाने पड जाते हैअचार डालते समय ही थोडी पीसी चीनी भी बुरक दे तो ये दाने नही
पडेगें और अगर पड गये है तो भी थोडी पीसी चीनी बुरक दीजिये अचार नया सा हो जायेगा।


23--आम का अचार बनाते समय जब फांको में नमक हल्दी लगाकर रखती है तब उनपर १-२ चम्मच पीसी चीनी भी बुरक दीजिये इससे जहा सारी फाकें पानी छोड देगीं वही अचार की रगतं भी साफ़ सुथरी बनी रहे गी अचार चमकीला बनेगा।


24-आम के मीठे अचार में थोडा सा अदरक भी कस कर
मिला दीजिये अचार अधिक पौष्टिक व चटपटा बनेगा।

25--आप के पास चटनी बनाने के लिये यदी कुछ नही है तब भी आप चटनी का मजाले सकते है कोइ भी खट्टा फ़ल जैसे--अलुचा,खट्टासेव,हरी कच्ची ईमली, अनार या रसभरी,लेकर हरी मिर्च,नमक के साथ पीस कर चटनी बना लीजिये अनोखा स्वाद देगी।



स्वर्ण लता

13 comments:

  1. जानकारी से भरपूर लेख...

    ReplyDelete
  2. नव्ररात्री की ढेर सारी बधाईयाँ, इस सुन्दर ब्लॉग के लिये भी बधाईयाँ...
    शुभकामनायें...

    सादर
    चन्दर मेहेर

    कृपया पधारें:

    lifemazedar.blogspot.com

    kvkrewa.blogspot.com

    ReplyDelete
  3. हमारी तरफ से आपको बढ़िया लेखन के लिए बधाई .....

    ReplyDelete
  4. apko indias top news ki tarph se hardik subhkamna

    ReplyDelete
  5. बहुत बहुत धन्यवाद, आप मेरेब्लाग पे आए और आकर मेरे काम को सराहा
    आशा करती हूं कि मेरे इस प्रयास में आप का साथ व सहयोग मुझे हमेशा मिलता रहेगा।

    ReplyDelete
  6. छोटे छोटे उपयोगी उपाय.


    साथ ही यह उपाय कर लें तो ब्लॉग भी स्वादिष्ट हो जाये:



    कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये

    वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:

    डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
    इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..जितना सरल है इसे हटाना, उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये.

    ReplyDelete
  7. बड़े काम की बातें बताईं आपने...धन्यवाद।

    ReplyDelete
  8. इस नए सुंदर से ब्‍लॉग के साथ हिंदी ब्‍लॉग जगत में आपका स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

    ReplyDelete
  9. शानदार प्रयास बधाई और शुभकामनाएँ।

    एक विचार : चाहे कोई माने या न माने, लेकिन हमारे विचार हर अच्छे और बुरे, प्रिय और अप्रिय के प्राथमिक कारण हैं!

    -लेखक (डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश') : समाज एवं प्रशासन में व्याप्त नाइंसाफी, भेदभाव, शोषण, भ्रष्टाचार, अत्याचार और गैर-बराबरी आदि के विरुद्ध 1993 में स्थापित एवं 1994 से राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली से पंजीबद्ध राष्ट्रीय संगठन-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान- (बास) के मुख्य संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जिसमें 05 अक्टूबर, 2010 तक, 4542 रजिस्टर्ड आजीवन कार्यकर्ता राजस्थान के सभी जिलों एवं दिल्ली सहित देश के 17 राज्यों में सेवारत हैं। फोन नं. 0141-2222225 (सायं 7 से 8 बजे), मो. नं. 098285-02666.
    E-mail : dplmeena@gmail.com
    E-mail : plseeim4u@gmail.com
    http://baasvoice.blogspot.com/
    http://baasindia.blogspot.com/

    ReplyDelete
  10. upper likhi tippadiya padh ke khushi hui, badhiya

    ReplyDelete
  11. I impress youy blog. realy Nice blog....

    ReplyDelete